जबलपुर के इंद्र कुमार तिवारी की हत्या: अनिरुद्धाचार्य के वायरल वीडियो से शुरू हुई खौफनाक साजिश

By Shekhar

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मध्य प्रदेश के जबलपुर के इंद्र कुमार तिवारी की हत्या की सनसनीखेज कहानी। अनिरुद्धाचार्य के वायरल वीडियो ने कैसे रची नकली शादी और हनी ट्रैप की साजिश? कुशीनगर में साहिबा बानो ने रचा खूनी खेल। पूरी कहानी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में जानें।


जबलपुर के इंद्र कुमार तिवारी की हत्या: अनिरुद्धाचार्य के वायरल वीडियो से शुरू हुई खौफनाक साजिश

मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 45 वर्षीय इंद्र कुमार तिवारी की हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस सनसनीखेज हत्याकांड की शुरुआत एक वायरल वीडियो से हुई, जिसमें इंद्र ने प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य से अपनी शादी न होने की व्यथा साझा की थी। लेकिन उनकी 18 एकड़ जमीन और संपत्ति पर नजर रखने वाले शातिर अपराधियों ने इसे मौके के रूप में देखा और एक खौफनाक साजिश रच डाली। इस लेख में हम आपको इस हत्याकांड की पूरी कहानी, साहिबा बानो उर्फ खुशी तिवारी की साजिश, और पुलिस की कार्रवाई के बारे में विस्तार से बताएंगे।

हत्याकांड की शुरुआत: अनिरुद्धाचार्य का वायरल वीडियो

मई 2025 में, जबलपुर के मझौली तहसील के पडवार गांव के निवासी इंद्र कुमार तिवारी, जो पेशे से अतिथि शिक्षक थे, अनिरुद्धाचार्य की भागवत कथा में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने मंच पर अपनी शादी न होने की समस्या साझा की और बताया कि उनकी उम्र 45 साल हो चुकी है, उनके पास 18 एकड़ जमीन है, लेकिन फिर भी कोई रिश्ता पक्का नहीं हो रहा। इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।

यह वीडियो गोरखपुर की साहिबा बानो और उसके प्रेमी कौशल कुमार की नजरों में आया। दोनों ने इंद्र की संपत्ति हड़पने की साजिश रची और एक खतरनाक हनी ट्रैप का जाल बुन लिया।

नकली शादी का जाल: साहिबा बानो से खुशी तिवारी तक

साहिबा बानो ने अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी आधार कार्ड बनवाया और खुद को खुशी तिवारी के रूप में पेश किया। कौशल ने खुद को खुशी का भाई संदीप बताकर इंद्र से जबलपुर में संपर्क किया। फोन पर साहिबा उर्फ खुशी और इंद्र की बातचीत शुरू हुई, जिसमें मीठी-मीठी बातों से इंद्र को प्रेम जाल में फंसाया गया।

2 जून 2025 को इंद्र अपनी शादी की आस में डेढ़ लाख रुपये के गहने और नकदी लेकर गोरखपुर रवाना हुए। 5 जून को कुशीनगर के कसिया में एक मंदिर में नकली शादी का नाटक रचा गया। शादी की रस्में पूरी होने के बाद, साहिबा, कौशल, और उनके साथी शमसुद्दीन ने इंद्र को आइडियल होटल में ले गए।

हत्या की साजिश: नींद की गोलियां और चाकू से हमला

होटल में साहिबा और उसके साथियों ने इंद्र को पनीर राइस में नींद की गोलियां मिलाकर दीं, जिससे वह बेहोश हो गए। इसके बाद, तीनों ने इंद्र को गाड़ी में डालकर कुशीनगर के हाटा कोतवाली क्षेत्र के सुकरौली में मझना नाले के पास ले गए। वहां सुनसान झाड़ियों में इंद्र की चाकू से गोदकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। उनके गले में चाकू फंसा हुआ था और शव को झाड़ियों में फेंक दिया गया।

हत्यारों ने इंद्र का मोबाइल, एटीएम कार्ड, जमीन के कागजात, और गहने लूट लिए। साहिबा ने हत्या के बाद तीन दिन तक इंद्र के परिवार से फोन पर बात की ताकि कोई शक न हो।

पुलिस की कार्रवाई: साजिश का पर्दाफाश

6 जून 2025 को मझना नाले के पास इंद्र का शव मिला, जिसकी पहचान शुरू में नहीं हो सकी। कुशीनगर पुलिस ने शव की तस्वीरें सेंट्रल पोर्टल पर अपलोड कीं, जिसके बाद जबलपुर पुलिस ने शव को इंद्र कुमार तिवारी के रूप में पहचाना। जांच में मोबाइल लोकेशन, होटल बुकिंग, और वाहन की जानकारी के आधार पर साहिबा बानो उर्फ खुशी तिवारी, कौशल कुमार, और शमसुद्दीन अंसारी को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने आरोपियों से मृतक का मोबाइल, एटीएम कार्ड, जमीन के कागजात, और गहने बरामद किए। हत्या में इस्तेमाल कार भी जब्त कर ली गई। कुशीनगर के एसपी संतोष कुमार मिश्र ने इस केस को सुलझाने वाली टीम को 25,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की।

मुख्य तथ्य: इंद्र कुमार तिवारी हत्याकांड

विवरणजानकारी
पीड़ितइंद्र कुमार तिवारी, 45 वर्ष, जबलपुर, मध्य प्रदेश
मुख्य आरोपीसाहिबा बानो उर्फ खुशी तिवारी, कौशल कुमार, शमसुद्दीन अंसारी
घटना स्थलहाटा, सुकरौली, कुशीनगर, उत्तर प्रदेश
हत्या का कारण18 एकड़ जमीन और संपत्ति हड़पने की साजिश
साजिश का आधारअनिरुद्धाचार्य की कथा का वायरल वीडियो
हथियारचाकू, नींद की गोलियां
पुलिस कार्रवाईतीनों आरोपी गिरफ्तार, मृतक के सामान और हत्या में प्रयुक्त कार बरामद
इनामकुशीनगर पुलिस को 25,000 रुपये का पुरस्कार

मानव निर्मित न्यूज़: सावधानी ही बचाव

यह घटना न केवल एक दुखद हत्याकांड है, बल्कि सोशल मीडिया के दुरुपयोग और अंधविश्वास की खतरनाक मिसाल भी है। इंद्र कुमार तिवारी की कहानी हमें यह सिखाती है कि सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी साझा करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। अनजान लोगों से संपर्क और आकर्षक प्रस्तावों पर भरोसा करने से पहले उनकी सत्यता की जांच जरूरी है।

पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई कर साहिबा बानो, कौशल कुमार, और शमसुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है। सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली हर कहानी के पीछे सच्चाई नहीं होती, कई बार यह एक खतरनाक प्रपंच भी हो सकता है।

निष्कर्ष

इंद्र कुमार तिवारी की हत्या की यह कहानी न केवल दुखद है, बल्कि यह हमें सतर्क रहने की सीख भी देती है। अनिरुद्धाचार्य के मंच से शुरू हुई यह कहानी एक खौफनाक हत्याकांड में तब्दील हो गई। कुशीनगर पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने इस साजिश का पर्दाफाश किया, लेकिन यह घटना हमें सोशल मीडिया के खतरों और अंधविश्वास से बचने की जरूरत को दर्शाती है।

अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें ताकि वे भी सतर्क रहें। अपनी राय और अनुभव कमेंट में जरूर बताएं।



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