‘परख’ सर्वे 2025 ने खोली भारत के शिक्षा मॉडल की पोल: 47% छठी कक्षा के बच्चे 10 का पहाड़ा नहीं बता पाए। जानें कमियाँ, सरकारी नीतियों में सुधार की जरूरत, और ग्राउंड रियलिटी।
भारत की शिक्षा व्यवस्था की सच्चाई: ‘परख’ सर्वे 2025 के चौंकाने वाले खुलासे
भारत का शिक्षा मॉडल हाल के वर्षों में कई बार चर्चा में रहा है, लेकिन शिक्षा मंत्रालय के ‘परख’ राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 ने इसकी कमियों को स्पष्ट रूप से उजागर किया है। इस सर्वे में शामिल 782 जिलों, 88,000 स्कूलों, और 23 लाख बच्चों के आंकड़ों ने दिखाया कि 47% छठी कक्षा के बच्चे 10 का पहाड़ा नहीं बता पाए। आइए, रिमझिम के फाइव पॉइंट्स के आधार पर शिक्षा मॉडल की कमियों, सर्वे के नतीजों, सरकारी नीतियों की खामियों, और सुधार के उपायों पर चर्चा करते हैं।
1. शिक्षा मॉडल की पोल कैसे खुली?
‘परख’ सर्वेक्षण ने तीसरी, छठी, और नौवीं कक्षा के बच्चों की बुनियादी समझ का आकलन किया। प्रमुख निष्कर्ष:
- 47% छठी कक्षा के बच्चे 10 का पहाड़ा नहीं बता पाए।
- 45% तीसरी कक्षा के बच्चे 1 से 99 तक की गिनती को क्रम में नहीं रख पाए।
- 42% तीसरी कक्षा के बच्चे साधारण जोड़-घटाव (जैसे 5 में से 2) नहीं कर पाए।
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि बुनियादी शिक्षा, जो किसी भी शिक्षा प्रणाली की नींव है, भारत में कमजोर है।
2. ‘परख’ सर्वे के प्रमुख निष्कर्ष
सर्वे ने कई चिंताजनक तथ्य उजागर किए:
- शहरी बनाम ग्रामीण: ग्रामीण बच्चे गणित में शहरी बच्चों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
- लड़कियों का प्रदर्शन: भाषाई समझ में लड़कियाँ लड़कों से आगे, लेकिन गणित में लड़के कुछ मामलों में बेहतर।
- लेनदेन में कमी: 50% तीसरी कक्षा के बच्चे ₹100 तक का लेनदेन नहीं कर पाते।
- समय की समझ: 61% तीसरी कक्षा के बच्चे मिनट, घंटा, और महीने की अवधारणा नहीं समझ पाए।
- नैतिक मूल्य: 51% छठी कक्षा के बच्चों को नैतिक मूल्यों (जैसे सच बोलना) की समझ नहीं।
- कक्षा नौ: 59% बच्चे औसत निकालने में असमर्थ, और केवल 37% अपने शरीर के हार्मोनल बदलाव समझ पाते हैं।
सर्वे की तालिका:
कक्षा | कमी | प्रतिशत |
---|---|---|
तीसरी | 1 से 99 तक गिनती क्रम में नहीं रख पाए | 45% |
तीसरी | जोड़-घटाव में असफल | 42% |
छठी | 10 का पहाड़ा नहीं बता पाए | 47% |
छठी | आधा और चौथाई की समझ नहीं | 29% |
नौवीं | औसत निकालने में असफल | 59% |
3. सरकार कहाँ असफल रही?
शिक्षा मॉडल की कमियाँ कई स्तरों पर दिखती हैं:
- बुनियादी ढांचा: हरियाणा के नूह ब्लॉक में 212 स्कूलों में बेंच तक नहीं। पानी और शौचालय जैसी सुविधाएँ अनुपलब्ध।
- शिक्षा बजट: भारत का शिक्षा बजट जीडीपी का 2-3% है, जबकि यूनेस्को 6% की सिफारिश करता है।
- शिक्षकों की कमी: कई स्कूलों में शिक्षक नहीं, और एक शिक्षक 100 से अधिक बच्चों को पढ़ाता है।
- नीतियों का कार्यान्वयन: राइट टू एजुकेशन (RTE) जैसे कानून बने, लेकिन लागू करने में कमी।
- राजनीतिक प्राथमिकता: शिक्षा को वोट बैंक की राजनीति के सामने प्राथमिकता नहीं मिलती।
4. सरकारी नीतियों में क्या बदलाव चाहिए?
शिक्षा मॉडल को सुधारने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए:
- बजट बढ़ाएँ: शिक्षा बजट को जीडीपी के 6% तक ले जाएँ।
- शिक्षक भर्ती: रिक्त पद भरें और शिक्षकों को प्रशिक्षण दें।
- बुनियादी सुविधाएँ: स्कूलों में बेंच, शौचालय, और पानी सुनिश्चित करें।
- जीवन कौशल: पाठ्यक्रम में नैतिक मूल्य और व्यावहारिक शिक्षा शामिल करें।
- जवाबदेही: स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों की जवाबदेही तय करें।
5. भारत की उपलब्धियाँ और ग्राउंड रियलिटी
भारत ने शिक्षा में कुछ उपलब्धियाँ हासिल की हैं:
- 97% नामांकन: 6-14 आयु वर्ग के 97% बच्चे स्कूलों में नामांकित।
- जेंडर पैरिटी: प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर लड़कियों का नामांकन लड़कों के बराबर।
- मिड-डे मील: 11.8 करोड़ बच्चों को भोजन प्रदान करने वाली योजना।
- साक्षरता दर: साक्षरता दर में सुधार।
ग्राउंड रियलिटी: नामांकन के आंकड़े प्रभावशाली हैं, लेकिन सीखने की गुणवत्ता कमजोर है। कोविड के बाद शिक्षा मॉडल 2017 के स्तर से नीचे है। बेरोजगारी और शिक्षा की गुणवत्ता चिंता का विषय है।
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“47% छठी कक्षा के बच्चे नहीं जानते 10 का पहाड़ा: शिक्षा व्यवस्था पर सवाल!”
शिक्षा मंत्रालय के ‘परख’ सर्वे 2024 ने भारत की शिक्षा व्यवस्था की कमियों को उजागर किया। 47% छठी कक्षा के बच्चे 10 का पहाड़ा और 45% तीसरी कक्षा के बच्चे 99 तक की गिनती नहीं बता पाए। क्या सरकार अब जागेगी? पूरी खबर पढ़ें और अपनी राय साझा करें!
FAQs
1. ‘परख’ सर्वे क्या है?
‘परख’ शिक्षा मंत्रालय का राष्ट्रीय सर्वेक्षण है, जो तीसरी, छठी, और नौवीं कक्षा के बच्चों की बुनियादी समझ का आकलन करता है।
2. सर्वे के प्रमुख निष्कर्ष क्या हैं?
47% छठी कक्षा के बच्चे 10 का पहाड़ा, 45% तीसरी कक्षा के बच्चे 99 तक की गिनती, और 42% तीसरी कक्षा के बच्चे जोड़-घटाव नहीं कर पाए।
3. भारत का शिक्षा बजट कितना है?
जीडीपी का 2-3%, जबकि यूनेस्को 6% की सिफारिश करता है।
4. शिक्षा मॉडल की मुख्य कमियाँ क्या हैं?
बुनियादी ढांचे की कमी, शिक्षकों की कमी, कम बजट, और नीतियों का कमजोर कार्यान्वयन।
5. भारत ने शिक्षा में क्या हासिल किया?
97% नामांकन, जेंडर पैरिटी, मिड-डे मील योजना, और साक्षरता दर में सुधार।
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