अमेरिका-चीन के बीच TikTok पर डील की तैयारी, ट्रंप ने बढ़ाई मोहलत। कभी भारत में मनोरंजन का सबसे लोकप्रिय ऐप रह चुका TikTok अब अमेरिका-चीन की राजनीतिक और आर्थिक खींचतान का केंद्र बन गया है। अमेरिका लगातार इस चीनी ऐप के अमेरिकी कारोबार को अपने हाथ में लेने की कोशिश कर रहा है। इसी कड़ी में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने TikTok को अमेरिका में काम करने के लिए तीन महीने की और मोहलत दे दी है।
क्यों परेशान है अमेरिका TikTok से?
अमेरिका का कहना है कि TikTok चीनी कंपनी ByteDance का ऐप है और इसके जरिए 17 करोड़ अमेरिकी यूजर्स का डेटा चीन के पास जा रहा है। अमेरिकी प्रशासन का आरोप है कि इस डेटा का इस्तेमाल राजनीतिक प्रभाव बनाने के लिए भी किया जा सकता है। यही कारण है कि अमेरिका चाहता है कि TikTok का अमेरिकी कारोबार किसी अमेरिकी कंपनी को बेच दिया जाए।
डील की चर्चा कहाँ तक पहुँची?
रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका चाहता है कि TikTok का यूएस बिजनेस अमेरिकी कंपनियां खरीदें। इसी क्रम में Oracle और Silver Lake का नाम प्रमुख दावेदारों में शामिल है। Oracle पहले से ही TikTok के अमेरिकी डेटा को मैनेज करता है, ऐसे में इसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। इसके अलावा एंडरसन हॉबिट्ज नाम की एक वेंचर कैपिटल कंपनी का नाम भी चर्चा में है।
राजनीतिक दबाव और सोशल मीडिया की ताकत
अमेरिका इस बात को गहराई से समझता है कि सोशल मीडिया राजनीतिक परिणामों को प्रभावित कर सकता है। 2016 के चुनाव में Twitter और अन्य सोशल प्लेटफॉर्म्स ने ट्रंप के प्रचार में बड़ी भूमिका निभाई थी। इसी अनुभव से अमेरिका यह मानता है कि TikTok का एल्गोरिदम चुनावों पर असर डाल सकता है।
भारत का अनुभव
भारत ने 2020 में गलवान घाटी विवाद के बाद सुरक्षा कारणों से TikTok समेत 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस समय TikTok के 24 करोड़ भारतीय यूजर थे और कंपनी यहां से प्रतिदिन करोड़ों रुपये कमा रही थी। भारत ने सीधे बैन का रास्ता चुना, लेकिन अमेरिका का रुख अलग है। वह इसे खरीदकर अपने नियंत्रण में लेना चाहता है।
TikTok की वैल्यू और भविष्य
ByteDance का ग्लोबल वैल्यूएशन करीब 330 बिलियन डॉलर तक बताया जाता है। राजस्व के मामले में यह Meta (Facebook, Instagram, WhatsApp) जैसी कंपनियों को टक्कर दे रहा है। यही वजह है कि अमेरिका और चीन के बीच हर बड़ी ट्रेड वार्ता में TikTok शीर्ष मुद्दा बना हुआ है।
अगला कदम
सूत्रों के मुताबिक अमेरिका और चीन के प्रतिनिधि हाल ही में स्पेन की राजधानी मैड्रिड में भी TikTok को लेकर बैठक कर चुके हैं। खुद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे जल्द ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से इस मामले पर बातचीत करेंगे। संकेत साफ हैं—TikTok को अमेरिका में बने रहने के लिए किसी न किसी अमेरिकी कंपनी को अपना यूएस बिजनेस बेचना ही होगा।
👉 फिलहाल स्थिति यही है कि TikTok का भविष्य सीधे तौर पर अमेरिका-चीन की डील पर निर्भर है। अगर समझौता हो जाता है, तो ऐप अमेरिकी यूजर्स के लिए उपलब्ध रहेगा, वरना अगले कुछ महीनों में इसे बैन किया जा सकता है।
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