सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर 2025 को रिजर्वेशन और सेलेक्शन से जुड़े दो बड़े फैसले सुनाए हैं। ये दोनों जजमेंट न सिर्फ एग्जाम देने वाले छात्रों के लिए बल्कि हर उम्मीदवार के लिए बेहद अहम साबित होने वाले हैं। अक्सर इस विषय पर गलतफहमियां फैलाई जाती हैं, लेकिन आज हम आपको असली सच्चाई बताएंगे, वह भी दोनों जजमेंट्स के रेफरेंस के साथ।
दो अहम केस
पहला केस – Union of India vs. Sajeev Roy
दूसरा केस – Railway Protection Force & Others vs. Premchand Kumar & Others
दोनों ही जजमेंट्स माननीय जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जमाला बागची ने दिए हैं। दिलचस्प बात यह है कि दोनों फैसलों में अलग-अलग नतीजे निकले।
पहला केस: माइग्रेशन पर ‘ना’
Union of India vs. Sajeev Roy केस में एक OBC उम्मीदवार ने SSC कॉन्स्टेबल भर्ती में उम्र की छूट का फायदा लिया।
सामान्य उम्र सीमा: 18 से 23 साल
OBC को छूट: 3 साल (यानि 26 साल तक)
उम्मीदवार ने OBC के नाते छूट लेकर फॉर्म भरा और परीक्षा दी। रिजल्ट में वह OBC कटऑफ से क्वालीफाई नहीं कर पाया, लेकिन जनरल कैटेगरी की कटऑफ से क्वालीफाई कर गया।
उसने कोर्ट में कहा कि उसे जनरल कैटेगरी में माइग्रेट कर दिया जाए, ताकि नौकरी मिल सके। हाई कोर्ट ने उसकी दलील मान ली और कहा कि यह आर्टिकल 14 (Equality before Law) का उल्लंघन होगा अगर ऐसे उम्मीदवार को जनरल लिस्ट में जगह नहीं मिलेगी।
लेकिन जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो वहां फैसला उल्टा आया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा –
माइग्रेशन अलाउड नहीं होगा क्योंकि 1 जुलाई 1998 का ऑफिस मेमोरेंडम साफ कहता है कि रिजर्व कैटेगरी से जनरल कैटेगरी में माइग्रेशन मुमकिन नहीं है।
यानि इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि अगर नोटिफिकेशन या नियम मना करता है तो माइग्रेशन नहीं मिलेगा।
दूसरा केस: माइग्रेशन पर ‘हां’
दूसरे केस RPF vs. Premchand Kumar में मामला अलग था।
एक जनरल कैटेगरी उम्मीदवार सिर्फ 1 नंबर से पीछे रह गया। वहीं SC/ST उम्मीदवार जनरल कैटेगरी की मेरिट में आ गया और माइग्रेट होकर सीट पा गया।
जनरल कैटेगरी उम्मीदवार ने आपत्ति जताई कि रिजर्व कैटेगरी वाले को माइग्रेशन की इजाज़त नहीं मिलनी चाहिए। लेकिन इस केस में कोई भी ऐसा ऑफिस मेमोरेंडम या नोटिफिकेशन नहीं था जो माइग्रेशन को रोकता हो।
इसलिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने कहा –
माइग्रेशन अलाउड होगा।
यानि यहां रिजर्व कैटेगरी का उम्मीदवार जनरल की मेरिट में जगह ले सका।
निष्कर्ष
दोनों जजमेंट्स से यह साफ हुआ –
- अगर नोटिफिकेशन या नियम कहता है माइग्रेशन मना है, तो माइग्रेशन अलाउ नहीं होगा।
- अगर नोटिफिकेशन साइलेंट है या माइग्रेशन की इजाज़त देता है, तो माइग्रेशन अलाउ होगा।
यानि मामला पूरी तरह इस बात पर निर्भर करेगा कि भर्ती का नोटिफिकेशन क्या कहता है।
आपके लिए क्यों ज़रूरी है यह फैसला?
यह फैसला आने वाले समय में हर एग्जाम – SSC, रेलवे, TET या किसी भी भर्ती – के उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण होगा। कई बार उम्मीदवार सोचते हैं कि रिजर्वेशन का फायदा लेने के बाद वे जनरल कैटेगरी की मेरिट में भी आ सकते हैं। लेकिन अब यह साफ हो गया है – यह तभी संभव होगा जब नियम या नोटिफिकेशन अनुमति देगा।
आपकी राय
क्या रिजर्व कैटेगरी उम्मीदवार को जनरल कैटेगरी की मेरिट में जगह मिलनी चाहिए?
या फिर रिजर्वेशन का फायदा लेने के बाद माइग्रेशन नहीं होना चाहिए?
अपनी राय कमेंट्स में जरूर दीजिए।
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