विवरण: गाजा में इजराइली हमलों और खाद्य आपूर्ति पर प्रतिबंधों ने हालात को भयावह बना दिया है। संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी के मुताबिक, अगले 48 घंटों में 14,000 बच्चे भुखमरी के कारण मर सकते हैं। यूएनआरडब्ल्यू की ताजा रिपोर्ट में 5 साल से कम उम्र के 16,000 बच्चों में से 10.2% गंभीर कुपोषण के शिकार पाए गए हैं। क्या दुनिया इस त्रासदी को रोक पाएगी? पूरी खबर पढ़ें!
खबर:
गाजा पट्टी में इजराइली हमलों और सख्त नाकेबंदी ने मानवीय संकट को अभूतपूर्व स्तर पर पहुंचा दिया है। मार्च 2025 से इजराइल द्वारा गाजा में खाद्य, पानी, और ईंधन आपूर्ति पर लगाए गए पूर्ण प्रतिबंध के बाद, 20 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनी भुखमरी का सामना कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनआरडब्ल्यू ने जून में अपने क्लीनिकों में 5 साल से कम उम्र के 16,000 बच्चों की जांच की, जिसमें 10.2% बच्चे गंभीर कुपोषण से पीड़ित पाए गए। यह आंकड़ा मार्च में 15,000 बच्चों में दर्ज 5.5% कुपोषण की तुलना में दोगुना है। यूनिसेफ ने भी इस सप्ताह अपने क्लीनिकों में 5,870 कुपोषण के मामले दर्ज किए, जो फरवरी के 2,000 मामलों से कहीं अधिक हैं।
गाजा में हालात इतने खराब हो चुके हैं कि संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यदि अगले 48 घंटों में मानवीय सहायता नहीं पहुंची, तो 14,000 बच्चों की जान जा सकती है। गाजा सरकार के अनुसार, 3 लाख बच्चे भुखमरी की कगार पर हैं, जबकि 11 लाख बच्चे कुपोषण से जूझ रहे हैं। हर पांच में से एक वयस्क भी भूख का शिकार है।
इजराइली हमलों ने गाजा के खाद्य उत्पादन और वितरण तंत्र को पूरी तरह तबाह कर दिया है। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की सभी 25 बेकरियां आपूर्ति की कमी के कारण अप्रैल में बंद हो गईं। 19 मई को, 11 हफ्तों की नाकेबंदी के बाद, इजराइल ने कुछ राहत ट्रकों को प्रवेश की अनुमति दी, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के प्रमुख टॉम फ्लेचर ने इसे “समुद्र में एक बूंद” बताया। गाजा को रोजाना 500 ट्रकों की जरूरत है, लेकिन केवल 5-10 ट्रक ही पहुंच रहे हैं।
रविवार को मध्य गाजा में इजराइली हमलों में 30 लोग मारे गए, जिनमें 6 बच्चे शामिल थे। ये लोग पानी भरने के लिए कतार में लगे थे। नुसेरात में अल-अवदा अस्पताल के अनुसार, हमले में 10 शव प्राप्त हुए, जिनमें 6 बच्चे थे। मध्य जावेदा शहर के अल-अक्सा शहीद अस्पताल ने भी एक घर पर हुए हमले में 9 लोगों की मौत की पुष्टि की, जिनमें 2 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल थे।
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुए युद्ध में अब तक 58,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं। मंत्रालय नागरिकों और लड़ाकों के बीच अंतर नहीं करता, लेकिन संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन इसके आंकड़ों को विश्वसनीय मानते हैं।
इजराइल और हमास के बीच 21 महीने से चल रहे युद्ध को रोकने के लिए मध्यस्थता के प्रयास जारी हैं, लेकिन कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू ने हाल ही में वाशिंगटन में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ युद्धविराम और बंधकों की रिहाई पर चर्चा की। हालांकि, दक्षिण गाजा में इजराइली सैनिकों की तैनाती को लेकर असहमति के कारण बातचीत में रुकावट आ रही है। हमास 50 बंधकों को रिहा करने को तैयार है, लेकिन पूर्ण युद्धविराम और इजराइली सेना की वापसी की मांग कर रहा है, जबकि इजराइल हमास के पूर्ण आत्मसमर्पण की शर्त रख रहा है।
संयुक्त राष्ट्र और यूएनआरडब्ल्यू ने दुनिया भर के देशों से गाजा में नरसंहार को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की अपील की है। यूएनआरडब्ल्यू ने कहा कि उसके पास गाजा के बाहर गोदामों में लाखों लोगों के लिए भोजन और दवाएं तैयार हैं, लेकिन नाकेबंदी के कारण यह सहायता पहुंच नहीं पा रही।
वेस्ट बैंक में भी हिंसा बढ़ रही है। रविवार को दो फिलिस्तीनियों के जनाजे निकाले गए, जिनमें 20 वर्षीय फिलिस्तीनी-अमेरिकी सैफुल्ला मुसलरत शामिल था, जिसकी मौत अवैध यहूदी बस्तियों के निवासियों के हमले में हुई।
अस्वीकरण: यह खबर विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है। हम तटस्थ और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए प्रतिबद्ध हैं। गाजा में चल रहे संघर्ष और हताहतों के आंकड़ों को लेकर अलग-अलग स्रोतों में भिन्नता हो सकती है। पाठकों से अनुरोध है कि वे जानकारी को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करें।
स्रोत: AajTak, Bhaskar, UN News, Punjab Kesari, X पर पोस्ट्स

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