विवरण: कर्नाटक के बेलगावी जिले में श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं ने एक सरकारी स्कूल के पानी की टंकी में जहर मिलाकर सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया। उनका मकसद था मुस्लिम हेडमास्टर को फंसाना। इस अमानवीय कृत्य से 11 बच्चे बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हैं। पढ़ें इस शर्मनाक घटना की पूरी कहानी।
कर्नाटक: श्रीराम सेना के कार्यकर्ताओं ने स्कूल के पानी में मिलाया जहर, मुस्लिम हेडमास्टर को फंसाने की साजिश
बेंगलुरु, 3 अगस्त 2025: कर्नाटक के बेलगावी जिले के हूलिकट्टी गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। यहां के एक सरकारी प्राथमिक स्कूल के पीने के पानी की टंकी में जहर मिलाने के आरोप में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें श्रीराम सेना के सावदत्ती तालुक अध्यक्ष सागर पाटिल भी शामिल हैं। अन्य दो आरोपी कृष्णा मदार और नगनगौड़ा पाटिल हैं। इस घिनौने कृत्य का मकसद स्कूल के मुस्लिम हेडमास्टर सुलेमान गोरिनायक को फंसाकर उनका तबादला करवाना था।
यह घटना 14 जुलाई को सामने आई, जब स्कूल के 41 में से 11 बच्चों ने पानी पीने के बाद उल्टी और पेट दर्द की शिकायत की। बच्चों ने पानी से दुर्गंध आने की बात कही, जिसके बाद हेडमास्टर और एक अन्य शिक्षक को सूचित किया गया। तत्काल कार्रवाई के कारण बड़ा हादसा टल गया, लेकिन 11 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। सभी बच्चे अब खतरे से बाहर हैं।
पुलिस जांच में पता चला कि सागर पाटिल ने इस साजिश को अंजाम देने के लिए एक पांचवीं कक्षा के छात्र को इस्तेमाल किया। आरोपी कृष्णा मदार ने छात्र को चॉकलेट और 500 रुपये देकर एक बोतल में मौजूद कीटनाशक को पानी की टंकी में मिलाने के लिए उकसाया। बच्चे को इस बात का अंदाजा नहीं था कि बोतल में जहर है। जांच के दौरान टंकी के पास एक मैंगो जूस की बोतल मिली, जिसमें कीटनाशक होने की पुष्टि हुई।
बेलगावी के पुलिस अधीक्षक डॉ. भीमाशंकर गुलेद ने बताया कि सागर पाटिल इस साजिश का मास्टरमाइंड था। वह हेडमास्टर सुलेमान गोरिनायक के खिलाफ सांप्रदायिक भावना से प्रेरित था और उन्हें स्कूल से हटवाना चाहता था। सुलेमान पिछले 13 वर्षों से स्कूल में कार्यरत हैं और गांव वालों के साथ उनके अच्छे संबंध हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने इसे सांप्रदायिक सद्भाव के लिए “गंभीर खतरा” करार देते हुए कहा, “धार्मिक कट्टरता और सांप्रदायिक नफरत ऐसी जघन्य हरकतों को जन्म देती है। यह घटना मासूम बच्चों की जान ले सकती थी।” उन्होंने श्रीराम सेना के प्रमुख प्रमोद मुथालिक और बीजेपी नेताओं से इस घटना की जिम्मेदारी लेने की मांग की।
सिद्धारमैया ने अपने बयान में कहा, “शरणों की इस धरती पर, जहां ‘करुणा ही धर्म का मूल है’ का संदेश दिया गया, ऐसी क्रूरता और नफरत कैसे पनप सकती है? यह अकल्पनीय है।” उन्होंने बीजेपी और संघ परिवार के नेताओं से आत्ममंथन करने की अपील की।
पुलिस ने तीनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और वे वर्तमान में बेलगावी की हिंदालगा जेल में हैं। इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया है, बल्कि पूरे देश में सांप्रदायिक नफरत और कट्टरता के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
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