Trump vs Modi: ट्रंप ने दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम, मोदी 5 घंटे में झुके? अब भारत पर 50% टेरिफ का बड़ा खेल

By Shekhar

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Donald Trump vs Narendra Modi controversy – ट्रंप का दावा कि 24 घंटे में युद्ध रोकने का अल्टीमेटम दिया, मोदी 5 घंटे में मान गए। अब भारत पर 50% टेरिफ, जानें पूरी सच्चाई और इसका असर। नमस्कार दोस्तों, भारतीय राजनीति और वैश्विक कूटनीति में फिर से ट्रंप की एंट्री ने भूचाल मचा दिया है। डोनाल्ड ट्रंप का दावा कि उन्होंने पीएम मोदी को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था और मोदी महज 5 घंटे में झुक गए! इतना ही नहीं, अब अमेरिका ने भारत पर 50% तक का Trade Tariff भी लगा दिया है। सवाल ये है कि क्या सचमुच ट्रंप के दबाव में भारत झुक गया, या इसके पीछे कोई और खेल है? आइए जानते हैं इस पूरे विवाद की असलियत।

Trump का दावा और Modi की चुप्पी

ट्रंप ने हाल ही में अपनी कैबिनेट मीटिंग में कहा कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को फोन करके 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था – युद्ध रोको वरना टेरिफ लगा दूंगा। ट्रंप का दावा है कि मोदी सरकार ने 5 घंटे में सीजफायर कर दिया। लेकिन सवाल ये है कि अगर भारत झुक गया था, तो फिर भी 50% टेरिफ क्यों लगाया गया?

Market पर असर: गिरावट और टेंशन

कल से ही टेरिफ लागू हो चुका है और भारतीय मार्केट में गिरावट देखने को मिली है। हालांकि सरकार का कहना है कि प्रभावित सेक्टर्स को Compensate किया जाएगा। सबसे ज्यादा असर टेक्सटाइल, रत्न-आभूषण, चमड़ा, फर्नीचर और सी-फूड सेक्टर पर पड़ने वाला है।

भारत पर लगे 50% Tariff का असली खेल

ट्रंप प्रशासन का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीदकर Russia-Ukraine War को फंड कर रहा है। उनके एडवाइजर Peter Navarro तक ने इसे “Modi War” तक कह दिया। वहीं भारत ने साफ कहा कि सीजफायर का अमेरिका से कोई लेना-देना नहीं था।

कौन से सेक्टर प्रभावित?

  • टेक्सटाइल – भारत का 28% एक्सपोर्ट अमेरिका जाता है।
  • रत्न और आभूषण – 12 बिलियन डॉलर का कारोबार प्रभावित।
  • सी-फूड – लगभग 3 बिलियन डॉलर का नुकसान संभव।
  • चमड़ा और फर्नीचर – एक्सपोर्ट पर भारी असर।

फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर को फिलहाल राहत मिली है।

India की रणनीति और विकल्प

भारत सरकार अब 40 नए देशों को टारगेट कर रही है, जहां टेक्सटाइल और अन्य प्रोडक्ट्स बेचे जा सकें। इसके लिए 20,000 करोड़ का Export Promotion Mission भी लांच किया गया है। वहीं जापान ने अगले 10 सालों में 68 बिलियन डॉलर निवेश की घोषणा की है।

निष्कर्ष: ट्रंप के बयानों को हल्के में लेना जरूरी

भारत ने बार-बार स्पष्ट किया है कि सीजफायर किसी तीसरे देश के कहने पर नहीं हुआ। ट्रंप के बयानों को भारतीय राजनीति में विपक्ष भले ही मुद्दा बना रहा हो, लेकिन सच यह है कि भारत अब झुकने वाला नहीं है। IMF तक ने भारत की ग्रोथ को सबसे ऊपर रखा है। ऐसे में ट्रंप की बयानबाजी सिर्फ सुर्खियां बटोरने का तरीका लगती है।


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