UP NEWS LIVE|इंसान और तेंदुए की जंग: पर्यावरण संरक्षण और बेजुबानों की बस्तियों में दखल की समस्या

By Shekhar

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Up NEWS LIVE -लखीमपुर के बबुरी गांव में एक मजदूर और तेंदुए की जंग ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को उजागर किया। जंगलों की कटाई और अतिक्रमण के कारण बेजुबान जानवर बस्तियों में घुस रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं? जानें इस घटना के पीछे की सच्चाई और अखिलेश यादव के सवाल।


लखीमपुर में इंसान और तेंदुए की जंग: पर्यावरण संरक्षण की जरूरत

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के धौरहरा तहसील के बबुरी गांव में हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने इंसान और वन्यजीवों के बीच बढ़ते संघर्ष को फिर से रेखांकित किया। एक ईंट भट्ठे पर काम करने वाले मजदूर पर तेंदुए ने हमला कर दिया। इस नौजवान ने हिम्मत नहीं हारी और फिल्मी अंदाज में तेंदुए से भिड़ गया। मौके पर मौजूद भीड़ ने तेंदुए पर ईंटों की बरसात कर मजदूर की जान बचाने की कोशिश की। लंबी जंग के बाद तेंदुआ हार मानकर भाग गया, और मजदूर ने अपनी जान बचा ली। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसे सपा नेता अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर शेयर किया।

अखिलेश यादव ने उठाए गंभीर सवाल
अखिलेश यादव ने इस घटना के बहाने योगी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जंगलों की बेतहाशा कटाई और अतिक्रमण के कारण वन्यजीव बस्तियों में घुसने को मजबूर हैं। उन्होंने घायल मजदूर के इलाज की मांग की और पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए कहा, “वन बचेंगे तो सब बचेंगे।” यह घटना न केवल एक मानव-वन्यजीव संघर्ष की कहानी है, बल्कि यह जंगलों की लूट और पर्यावरणीय असंतुलन का भी दुखद परिणाम है।

जंगलों की कटाई: बेजुबानों की बस्तियों में दखल
जंगल तेजी से सिकुड़ रहे हैं। विकास की दौड़ में वनों का अंधाधुंध दोहन हो रहा है, जिसके कारण तेंदुए, बाघ जैसे वन्यजीव अपने प्राकृतिक आवास खो रहे हैं। भोजन और पानी की तलाश में ये जानवर रिहायशी इलाकों में घुस रहे हैं, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ रहा है। दिल्ली, मेरठ, उदयपुर और बिजनौर जैसे शहरों में तेंदुओं के बस्तियों में घुसने की घटनाएं अब आम हो गई हैं। वन विभाग के अनुसार, गर्मियों में सूखे जंगल और सर्दियों में क्षेत्र विस्तार की चाहत तेंदुओं को बस्तियों की ओर खींचती है।

पर्यावरण संरक्षण: एकमात्र समाधान
इस समस्या का समाधान जंगलों का संरक्षण और वन्यजीवों के लिए सुरक्षित कॉरिडोर बनाना है। वन विभाग ने दिल्ली में तेंदुओं की गणना के लिए सेंसर कैमरे लगाने और जागरूकता अभियान शुरू करने की योजना बनाई है। साथ ही, लोगों को जंगली जानवरों से निपटने के लिए SOP (Standard Operating Procedure) जारी करने की तैयारी है। सरकार को चाहिए कि वह वनों की कटाई पर रोक लगाए और स्थानीय समुदायों को जागरूक करे ताकि इंसान और वन्यजीव सुरक्षित सह-अस्तित्व कायम कर सकें।
लखीमपुर की इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया कि इंसान और बेजुबान, दोनों अपनी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण और जंगलों की रक्षा ही इस संघर्ष को कम कर सकती है। सरकार, वन विभाग और समाज को मिलकर इस दिशा में कदम उठाने होंगे।



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